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Wednesday, April 17, 2013

एहनो कतउ भेलइए ?


परुकाँ  साल ३१ मई क'  भोरे भोर जतेक समाचार सुनबा में आबय सबटा अचम्भिते करै बला I टेलीविजन चालू करिते देखै छी जे सगरो दिल्ली आ देश के आन आन भाग में यत्र-तत्र बाट जाम के खबरि,यातायात के सुविधा बाधित,कारण की ? कारण ई जे, पेट्रोल के मूल्य में असामान्य वृद्धि के विरुद्ध जनमोर्चा, आ ताहि  जनमोर्चा में अपसियांत लोक में सभ वर्ग स' मिश्रित आम आदमी जिनक प्रतिनिधित्व करैत किछु नवोदित, किछु परिपक्व आ किछु वरिष्ठ राजनीतिक व्यक्ति लोकनि I ओना हिनका लोकनिक हस्तक्षेप भेनाइ सेहो परमावाश्यके , कारण जे हमरा लोकनिक बीच एहेन जनधारणा अछि जे विपक्षी लोकनि अगुएता तखने सत्ताधारी के आंखि फुजतन्हि, भले ही ओ स्वयं सत्ता में एलाक बाद जे करथि,आ जं' से नहि होईतै त' आइ ई दिन कियै देख' परैइयै I महंगाई के विरोध त' आदि काल स' होइत आयल अछि, अंतर एतबे छै जे पहिले सामान्य वृद्धि होइत छल आ आब असामान्य वृद्धि (अनिश्चित अनुपात में) होइत अछि, आओर इएह अनिश्चितता हमरा लोकनिके बाट पर ठाढ़ करबा लेल बाध्य क' दैत अछि I आब एकर नतीज़ा संध्या कालक समाचार में  देखल जे पूर्ण हास्यास्पदे अर्थात असामान्य वृद्धि के विरोध में हो-हल्ला भेलाक बाद सामान्य कमी, कियैक त' सरकार के ई आभास त' रहिते छैक जे हो-हल्ला हेबे करतै त' चलू कनेक उसास क' देल जेतै आ ठीक तहिना दोसर दिन स' सब किछु पूर्ववते अर्थात सरकार महगाई बढब' में एक बेर फेर सफल I

हड़ताल रहितहु लोक अपन अपन गंतव्य तक जेना तेना पहुँच रहल छलाह, तकर एकटा भुक्तभोगी हमहूँ रही I Sस में बैसल बैसल मोन अकच्छ भ' गेल रहय कान में ठप्पी लगाय एफ.एम सुनय लगलहुं, आहि रे बा ! ई की ? शाहरुख खान के दम्मा कहिया भ' गेलन्हि ,कहियो नै समाचार में आयल छल, ने अखबार में छपल छल I ई चैनल आ पेपर बला सब त' बड दाबा करै छथिन्ह जे हम सबस' बेसी तेज, सबस' पहिने, सबस' आगाँ, मुदा एहि में त' सब गोटे पछुआ गेलाह  I ई मीडियाकर्मी लोकनि त' एहेन-एहेन चर्चित लोकक छींको के ब्रेकिंग न्यूज़ बना दै छथिन्ह आ एतेक बड़का बीमारी के जानकारी स' वंचित कोना रहि गेलाह ? मुदा औ बाबू ! वंचित ई सब नै  रहि गेलाह, वंचित त' हम स्वयं रहि गेलहुं एहि एफ. एम. बला नकलची लोकक भाषा सँ' Iसंयोगवश ओहि दिन तमाकुल निषेध दिवस छल आ एहि अवसर पर शाहरुख़ खान के शुभचिंतक लोकनि हुनका धुम्रपान स' सम्बंधित विषय वस्तु पर अपन अपन नसीहत द' रहल छलथिन्ह आ ताहि क्रम कियो हुनके आवाज़ में नक़ल करैत एकटा संवाद के दम्मा बला अंदाज़ में सुना रहल छलाह I एहि तरहें हड़ताल आ  तमाकुलक सिट्ठी सँ कन्छिआइत-कन्छिआइत अपन गंतव्य धरि पहुँचलहूँ I भरि दिन काज धंधा क' ' संध्या काल जखन अपन मरैया में एलहुं आ फेर समाचार देख' लगलहुं जे, कतौ हमरो युवावस्थाक फोटो आबि जाय, मुदा से व्यर्थ सोचल कारण फोटो त' नहिये ऐल आ उलटे युवावस्था पर पूर्ण विराम लागि चुकल छल I

युवा मित्र लोकनिक लेल ई ३१ मई २०१२ अविस्मरणीय दिवस छल, कियैक त' सरकार आइ खुलि क' घोषणा क' देलक जे - जे व्यक्ति १६ स' ३० बरखक अवस्था के छथि, हुनके टा युवा वर्ग के श्रेणी में राखल जेतन्हि I आजुक दिन हड़ताल झेलब आ की तमाकुल झेलब ओतेक भारी नै छल जतेक की ई वृद्धावस्था झेलब (सरकारक अनुसारे) मोस्किल छल I नै जानि आइ कियैक बाजपेयी जीक बड्ड याद अबै छल, एहि दुआरे की कम स' कम अपना के एखन धरि युवा त' बुझै छलहुँ कियैकी हुनक युवा उमेर निर्धारण सीमा छल १३ स' ३५ बरख धरि छल Iमोने मोने ई सोचि बैसल रही जे एखन विवाहक वैधता पांच बरख धरि आरो अछि,  मुदा ई की ? ई त' एकाएक राताराती वैधता समाप्त I

आब कल्पना कर' लगलहुं जे, काल्हि स' जे घटक एताह त' हुनका आंगुर पर गानि-गानि क' जन्म तिथि , मैट्रिक, इंटर, बी.ए. पास के इसवी कहबन्हि आ ताहि गणना में ज' कतहु चूक भेल त' बुझू जे ई कलिजुग बिना गृहस्थाश्रमें के समाज सेवा में बीति जायत I मोनेमोन फेर भोला  बाबा  के गोहराबय लगलहुं जे- हे बाबा ! एहेन अनर्थ कियैक केलहुं ? कम स' कम हमर विवाह जवानी में त' होमय दैतौं I बड़ बेस! राति में सूतल रही, की देखै छी स्वप्न में साक्षात् त्रिलोकीनाथ, गर्दैन में फुफकारैत जुआयल गहुंमन सांप, हाथ में त्रिशूल आ डमरू, बाघक चाम के ठेहुन धरि गमछा बना नुरियेने, सौंसे  देह में शमसान के छाउर हसोथने, हमरा सिरमा लग आबि ठाढ़ भ' गेलाह आ कहय लगलाह-हौ बौआ! हम भरि दिन तोहर बात सुनै छलहु, मुदा ओतेक लोकक बीच में कोना भेंट करितौं तैं एखन एकांत में कहै छियह! तोहर मोन एतेक छोट कियैक छह ? कहलियैंह-मोन छोट कोना नै हैत बाबा ? ई सरकार दुखी क' देने अछि I कहू त?चीज़ वस्तु के दाम बढ़ा क' आकाश ठेका देने छै आ मनुक्खक  युवा उमेर निर्धारण सीमा में दिन स' दिन कोताहिये केने जाइ छै I देखियौ त' बाजपेयी जी कतेक बढ़िया केने रहथिन्ह,  उमेर सीमा निर्धारण I

बाबा हमरा हतोत्साहित देखि कहलाह-सुनह पढ़ल लिखल छह बात बुझबाक चेष्टा करह I हौ ! बाजपेयी के समय में प्रधानमंत्री स' ' राष्ट्रपति तक केकरो देखलहक जे सोंगर पर ठाढ़ छल ? कियैक त' बेसी अवस्था के रहितहु सभ स्वयं के जवान बुझैत छल I तैं ओ सीमा नमहर छलैक I ओनहियो ई सरकार संतुलन बनब' लेल महगी बढ़ा क' उमेर घटा रहल अछि, कियैक त' बूझल छैक जे एहेन महगाई में लोकक गुज़र बसर केनाइ आ जियब कतेक मोसकिल छै I तैं मनुक्ख जतबा दिन जीत तही में अवस्था के वर्गीकरण तालिका बनाओल जाय I मोन छोट नहि करह आ चिंता छोड़ह आ हमरा ई वचन दै जे काल्हि स' तों अपन समय के अनाप सुनाप में एक्कहु क्षण व्यर्थ नहि करबह, आ जतबा दिनक ओरदा छ'ह ओतबे दिन में गृहस्थ जीवन के संग संग सामाजिक दायित्व के निर्वाह में ततेक बेसी समर्पित भ' जाह जे दिनानुदिन तोहर कीर्ति स' ई समाज, देश, कर-कुटुम, परिवार सब तोरा पर गर्व कर' लाग' I एकटा बात आर मोन रखिह'  जे, जे व्यक्ति कर्मठ अछि ओ सतत जुआने रहैत अछि कियैक त' ओ अपन लक्ष्य के पाबय लेल दृढसंकल्पित रहैत अछि जकरा लक्ष्य के आगाँ वृद्धावस्था सेहो युवावस्था सदृश्य लगैत छैक I अंत में शुभानि सन्तु !! कहि क' अन्तर्ध्यान भ' गेलाह I जखन स' निन्न फूजल तखन स' अपना के एकदम स' हट्ठा-कट्ठा जवान प्रतीत होमय लागल आ भोला बाबा के ध्यान में रखैत अपन कर्म में लागि गेलहु I

प्रकाशित:मैथिली दर्पण (मासिक पत्रिका)
मास-अप्रैल, बरख-2013 (प्रवेशांक)